अस्सी प्रतिशत स्त्रियों की कथा
पीढ़ा घिसता है तो पीढ़ी बनती है
तनाव-क्षेत्र में महिलाओं को नज़रअंदाज करने से समाज का नुकसान
उत्तराखंड समान नागरिक संहिता पर महिलाओं की आपत्तियां
क्यों मारी जा रही हैं दलित महिलायें
दलित स्त्रियाँ खुद लिखेंगी अपना इतिहास
जाति, जेंडर और क्लास दलित स्त्रीवाद की धूरि
वे कुन्तियाँ नहीं गौरव से भरी माँ हैं
शिक्षा में जातिगत और लिंगगत असमानता
प्रेमचंद का साहित्य और दलित स्त्री
राजेंद्र यादव के अंतर्विरोध , हंस और दलित स्त्री अस्मिता के सवाल
एक साक्षात्कार लंबाणी जनजाति की स्त्रियों से
भारतीय पुलिस-तंत्र में महिलाओं की स्थिति: ‘गुनाह-बेगुनाह’ उपन्यास के विशेष सन्दर्भ में- केएम प्रतिभा