वीरांगना होलिका मूल निवासी थी , क्यों मनायें हम उनकी ह्त्या का जश्न
( भारत में होली जैसे त्योहारों का जन्म कृषि समाज के आम जन के उल्लास के रूप में हुआ है . ऋतुओं के चक्र...
मैं हिजड़ा… मैं लक्ष्मी
डिसेंट कुमार साहू
उत्पीड़ित समूहों द्वारा लिखी जाने वाली आत्मकथाओं ने हाल के समय में ब्राम्हणवादी-पितृसत्तात्मक समाज के वर्चस्वकारी मूल्यों को उद्घाटित करने में महत्वपूर्ण...
हिन्दी पाठ्यपुस्तकों में स्त्री छवि
कमलानंद झा
कमलानंद झा केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिहार में हिन्दी अध्ययन के विभागाध्यक्ष हैं. इन्होने पाठ्यक्रमों की सामाजिकी पर शोध किया है : मोबाइल...
बहुजन चौपाल में हुई चर्चा: भारत का भगवाकरण और सामाजिक न्याय की चुनौतियां
डिम्पल और अरूण कुमार नारायण
बहुजन चौपाल हाशिये के समाज का वह अम्ब्रेला है जो बहुजन की समस्याओं को उनके नजरिये से देखने व समझने का...
भिखारी ठाकुर की तुलना शेक्सपियर से करना भिखारी ठाकुर का अपमान है
आँचल
अंग्रेजी साहित्य की शोधार्थी आंचल भिखारी ठाकुर की तुलना शेक्सपियर से किये जाने को भिखारी ठाकुर का अपमान बता रही हैं. इस टिप्पणी के अनुसार...
माहवारी में थोपे गये पापों से मुक्ति हेतु कब तक करते रहेंगी ऋषि पंचमी...
विनिता परमार
हिन्दू व्रतों की स्त्रियों और गैर ब्राह्मण समुदायों के प्रति दुष्टताओं को लेकर आयी यह छोटी सी टिप्पणी जरूर पढ़ें. देखें कैसे अशुद्धि,...
औरत , विज्ञापन और बाजार
अदिति शर्मा
केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण, बैंगलोर पीठ में हिंदी अनुवादक संपर्क-ई-मेल : aditisharmamystery@gmail.com
अदिति शर्मा
स्त्री मुक्ति चेतना व स्त्रीवादी दृष्टिकोण पर बहुत कुछ लिखा जा...
कंडोम , सनी लियोन और अतुल अंजान की मर्दवादी चिंता
दरवाजे पर धीमे बदलावों की थाप ...
यौन स्वतंत्रता, कानून और नैतिकता (अरविन्द जैन)
वर्तमान भारतीय समाज का राजनीतिक नारा है 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ', मगर सामाजिक-सांस्कृतिक आकांक्षा है 'आदर्श बहू'।वैसे भारतीय शहरी मध्य वर्ग को 'बेटी नहीं...
इतिहास का अंधकूप बनाम बंद गलियों का रूह-चुह : गया में यौनकर्म और...
संजीव चंदन
( यह आलेख २००९ में एक शोध के सिलसिले में किये गये केस स्टडी का एक हिस्सा है :दो किस्तों में प्रकाश्य )
यद्यपि...