अस्सी प्रतिशत स्त्रियों की कथा
पीढ़ा घिसता है तो पीढ़ी बनती है
तनाव-क्षेत्र में महिलाओं को नज़रअंदाज करने से समाज का नुकसान
उत्तराखंड समान नागरिक संहिता पर महिलाओं की आपत्तियां
भेदभाव की कानूनी बेड़ियाँ तोड़ती स्त्री: रख्माबाई
न्यायपालिका में यौन शोषण का मामला पहला नहीं है और न्याय नहीं हुआ तो आख़िरी भी नहीं होगा
यौन-उत्पीड़न की जांच आरोपी मुख्य न्यायाधीश ही कैसे कर सकते हैं!
धारा 377 की मौत और पितृसत्तात्मक विमर्श पद्धति
यौन स्वतंत्रता, कानून और नैतिकता (अरविन्द जैन)
कुछ यूं आयी धारा 497:ऐतिहासिक संदर्भों में ऐडल्ट्री
मेरा एक सपना है ! (मार्टिन लूथर किंग का उद्बोधन,1963)
लहू की अपवित्रता को संवैधानिक झटका: सबरीमाला मंदिर में महिलाएं कर सकती हैं प्रवेश
भारतीय पुलिस-तंत्र में महिलाओं की स्थिति: ‘गुनाह-बेगुनाह’ उपन्यास के विशेष सन्दर्भ में- केएम प्रतिभा