अस्सी प्रतिशत स्त्रियों की कथा
पीढ़ा घिसता है तो पीढ़ी बनती है
तनाव-क्षेत्र में महिलाओं को नज़रअंदाज करने से समाज का नुकसान
उत्तराखंड समान नागरिक संहिता पर महिलाओं की आपत्तियां
दलित महिला कारोबारी का संघर्ष
हिंदी साहित्य से झाँकतीं आदिवासी स्त्रियाँ
मिर्चपुर के दलित आज भी कर रहे एक अदना सा घर का इन्तजार
कल्याणी ठाकुर चरल: बंगाल का दलित स्वर
कभी सूख नहीं पायेंगे रोहित वेमुला की माँ के आंसू
घरेलू कामगार महिलाओं की दीदी: संगीता सुभाषिणी
पुस्तक मेले की 'मानुषी' से गायब गैरद्विज स्त्री
पूर्ण शराबबंदी के लिए प्रतिबद्ध वड़ार समाज की बेटी संगीता पवार
भारतीय पुलिस-तंत्र में महिलाओं की स्थिति: ‘गुनाह-बेगुनाह’ उपन्यास के विशेष सन्दर्भ में- केएम प्रतिभा